Google FLoC क्या है ?
Google FLoC , गूगल दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजिन कंपनी है और वह अपने यूजर को उसके सर्च के हिसाब से रिजल्ट देता है और ये तभी दे पाता है जब उसके पास उसकी पूरी जानकारी हो, इसके लिए गूगल हर रोज अपने यूजर के डाटा को ट्रैक करके उसको माहिती प्रदान करता है।
अभी हल में ही गूगल ने यूजर को ट्रैक करेने के लिए Google FLoC का एक नया तरीका निकाला है. कंपनी ने इसे फेडेरेटेड लंर्निंग ऑफ काेहर्ट्स (Federated Learning of Cohorts) या फ्लॉक (FLoC) नाम दिया है.
गूगल इस प्रोजेक्ट Google FLoC से भारत समेत ब्राजील, मैक्सिकाे, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान,फिलिपींस, न्यूजीलैंड और अमेरिका में FLoC काे टेस्ट कर रही है. और अभी इस नए प्रोजेक्ट पर गूगल काम कर रही है। ये नयी टेक्निक से यूज़र की शॉपिंग करने की जो पद्धति है उसे ट्रैक करने में मदद मिलेगी।
गूगल कंपनी ने बताया की यह टेक्निक विज्ञापन देने वालो के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाला है। और विज्ञापनदाताओं के लिए भी वाे क्या चाहते हैं उसके हिसाब से डाटा को ट्रेक किया जा सकता है।
आपको जानकर हैरानी होंगी की गूगल ने इस प्रोजेक्ट पर बिना कुछ बताये अपना ट्रायल शरू कर दिया है और गूगल के ही एक ब्रावज़र क्रोम में इसका टेस्ट करने वाले है।
कंपनी अपने सारे क्रोम यूजर में से ०.5 % यूजर को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया है। अगर आप भी गूगल का क्रोम उपयोग करते है तो आपको भी जानना चाहिए की आप इस प्रोजेक्ट के माध्यम से ट्रैक हो रहे है या नहीं ?
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क्या FLoC हमारे लिए डर की वजह है ?
गूगल के इस टेक्निक FLoC का दावा है कि यह आपको इंटरनेट के उपयोग करने में उन वेबसाइट पे नजर रखने में अनुमति नहीं देगा जो वेबसाइट स्क्रिप्ट्स को डाल के पता लगते है की आप इंटरनेट पे क्या कर रहे है।
हालांकि हमें सुनने में अच्छा लग रहा है लेकिन ये उतना भी आसान भी नहीं है. FLoC की मदद से गूगल उसेरर के एक्टिविटी को और ज्यादा कण्ट्रोल कर पायेगा और ज्यादा डाटा को ट्रेक कर सकेगा।
FLoC सभी यूजर की ब्राउजिंग एक्टिविटी और हिस्ट्री, जो आप कोई भी वेबसाइट विजिट करते हो उसपे नजर रखेगा और वेबसाइट को क्लासिफाय करके डाटा को ट्रेक करेगा। लेकिन ये सब करने के बाद भी गूगल अपने यूजर की पहचान को सामने नहीं आने देगा जिसे यूजर की प्राइवेसी बानी रहे।
इसके बाद भी आपकी सारी एक्टिविटी ट्रेक होती रहेगी पर आपकी प्राइवेसी भी बानी रहेगी जिसे आपका नुकशान भी नहीं होगा और गूगल को विज्ञापन दिखने के लिए यूजर के डाटा मिल जाएंगे।
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